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‘स्त्री सम्मान समृद्धि योजना’ और अखिलेश यादव का मिशन 2027: समाजवादी पार्टी की नई रणनीति

Editor : Shubham awasthi | 22 June, 2025

लखनऊ में समाजवादी पार्टी की कार्यालय बैठक आयोजित की गई। बैठक में अखिलेश यादव ने गरीब महिलाओं को राहत देने के लिए स्त्री सम्मान समृद्धि योजना लागू करने की बात कही है।

‘स्त्री सम्मान समृद्धि योजना’ और अखिलेश यादव का मिशन 2027: समाजवादी पार्टी की नई रणनीति

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अखिलेश यादव ने 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कई बड़े ऐलान किए। इस बैठक का केंद्र बिंदु रहा महिलाओं का सशक्तिकरण और गरीब महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए प्रस्तावित ‘स्त्री सम्मान समृद्धि योजना’। अखिलेश यादव ने घोषणा की कि यदि 2027 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनती है, तो गरीब महिलाओं को प्रतिमाह 3000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही, उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘1090’ महिला हेल्पलाइन को और सशक्त करने और महिलाओं को राजनीतिक प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए अधिक चुनावी टिकट देने की बात कही।

इस बैठक में अखिलेश यादव ने न केवल अपनी पार्टी की नीतियों और योजनाओं को रेखांकित किया, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार, चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में काम कर रहा है और पुलिस प्रशासन का उपयोग माफियागिरी और चुनावी धांधली के लिए हो रहा है।


स्त्री सम्मान समृद्धि योजना’ समाजवादी पार्टी की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य गरीब महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। अखिलेश यादव ने कहा कि इस योजना के तहत गरीब महिलाओं के बैंक खातों में सीधे 3000 रुपये प्रतिमाह ट्रांसफर किए जाएंगे। यह योजना न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने का वादा करती है, बल्कि सामाजिक स्तर पर उनके सम्मान और स्वतंत्रता को बढ़ाने का भी दावा करती है। 

अखिलेश यादव ने इस योजना की तुलना समाजवादी पेंशन योजना से की, जो उनकी सरकार के कार्यकाल (2012-2017) में शुरू की गई थी। उन्होंने दावा किया कि इस पेंशन योजना की सफलता को देखते हुए अन्य राजनीतिक दलों, विशेषकर भाजपा ने इसे अपने नाम से लागू किया और इसका राजनीतिक लाभ उठाया। अखिलेश ने कहा, “जो योजना समाजवादी पेंशन की शुरू हुई थी, उसी योजना को बीजेपी और अन्य दलों ने लागू करके सरकार बना ली। उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार बनने पर 3000 रुपये पेंशन देने का काम होगा गरीब महिलाओं के लिए।”


यह योजना उत्तर प्रदेश की उन लाखों महिलाओं को लक्षित करती है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिनके लिए मासिक सहायता उनके परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसके अलावा, यह योजना महिलाओं को वोट बैंक के रूप में आकर्षित करने की रणनीति का भी हिस्सा है। भारतीय राजनीति में हाल के वर्षों में महिला मतदाताओं की भूमिका निर्णायक साबित हुई है, और सभी राजनीतिक दल उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए विभिन्न योजनाएं ला रहे हैं।


अखिलेश यादव ने अपनी सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई ‘1090’ महिला हेल्पलाइन का जिक्र करते हुए इसे और मजबूत करने का वादा किया। यह हेल्पलाइन महिलाओं की सुरक्षा और उत्पीड़न की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए शुरू की गई थी। उन्होंने कहा, “आने वाले समय में महिलाओं की सुरक्षा के लिए हम लोग 1090 को और सशक्त करके मजबूत बनाने का काम करेंगे।”


‘1090’ हेल्पलाइन समाजवादी सरकार की एक ऐसी पहल थी, जिसे महिलाओं के बीच काफी सराहना मिली थी। यह हेल्पलाइन विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए बनाई गई थी जो घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, या अन्य उत्पीड़न का सामना करती हैं। अखिलेश यादव ने वर्तमान भाजपा सरकार पर इस हेल्पलाइन को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी सरकार इसे न केवल पुनर्जनन देगी, बल्कि इसे और प्रभावी बनाएगी। 

महिलाओं की सुरक्षा उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। अखिलेश यादव ने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा शासन में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं और प्रशासन उनकी सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा, “सरकार के आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा उत्पीड़न, अन्याय किसी के ऊपर हो रहा है तो महिलाओं के ऊपर हो रहा है इस सरकार में।”


अखिलेश यादव ने यह भी घोषणा की कि समाजवादी पार्टी 2027 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं को अधिक से अधिक टिकट देगी। उन्होंने कहा, “पंचायती राज में आरक्षण लागू करने का काम हम समाजवादी और नेताजी (मुलायम सिंह यादव) का था। हमें उम्मीद है जब 27 में सरकार समाजवादियों की बन जाएगी, महिला आरक्षण लागू होगा तो बड़े पैमाने पर संगठन की महिलाओं को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।”


यह बयान समाजवादी पार्टी की उस रणनीति को दर्शाता है, जिसके तहत वह न केवल महिलाओं को वोट बैंक के रूप में देख रही है, बल्कि उन्हें राजनीतिक नेतृत्व प्रदान करने की दिशा में भी काम करना चाहती है। भारत में महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने के बाद, स्थानीय निकायों और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की मांग तेज हुई है। अखिलेश यादव का यह वादा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, बशर्ते इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। 

चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप

अखिलेश यादव ने अपनी इस बैठक में चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन पर भी तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में काम कर रहा है और उसकी निष्पक्षता संदिग्ध हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि “चुनाव आयोग बीजेपी के दबाव में काम करती है।”


इसके साथ ही, उन्होंने पुलिस प्रशासन पर भी गंभीर सवाल उठाए। अखिलेश ने कहा कि पुलिस का उपयोग माफियागिरी और चुनावी धांधली के लिए किया जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अधिकारियों का व्यवहार आम जनता, विशेषकर महिलाओं के प्रति संवेदनहीन हो गया है। यह बयान उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर समाजवादी पार्टी के रुख को दर्शाता है। 

अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि प्रशासन की निष्पक्षता खत्म हो रही है, जिसके कारण आम जनता का विश्वास सिस्टम से उठ रहा है। यह आरोप राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक निष्पक्षता हमेशा से चुनावी मुद्दे रहे हैं। 

2027 के लिए समाजवादी पार्टी की रणनीति न केवल महिलाओं के मुद्दों पर गंभीर है, बल्कि वह भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विकल्प भी प्रस्तुत कर सकती है।