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15 हज़ार का ड्रोन बनाम 15 लाख की मिसाइल कितना मुनासिब?

Editor : Anjali Mishra | 22 May, 2025

राफेल पर सवालपारदर्शिता की मांग या राजनीति का हथियार,ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल सियासत या सच?

15 हज़ार का ड्रोन बनाम 15 लाख की मिसाइल कितना मुनासिब?

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर अब सियासत गर्मा गई है। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार से पारदर्शिता की मांग करते हुए दावा किया कि पाकिस्तान ने सस्ते चीनी ड्रोन से हमला किया और जवाब में भारत ने महंगी मिसाइलें दागीं। उन्होंने राफेल विमानों को लेकर भी सवाल उठाए हैं, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। 


ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस नेता का विवादित बयान 15 हज़ार के ड्रोन पर 15 लाख की मिसाइल।पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर कहर बनकर टूटने का दावा किया है। लेकिन इस सैन्य कार्रवाई पर अब राजनीति गर्मा गई है। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार के बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। उनके मुताबिक, इस ऑपरेशन को लेकर सरकार पारदर्शिता नहीं बरत रही और सेना को हुए कथित नुकसान पर सवालों का जवाब नहीं दे रही। मीडिया से बातचीत करते हुए विजय वडेट्टीवार ने कहा,सरकार को ऑपरेशन सिंदूर की पूरी सच्चाई देश के सामने रखनी चाहिए। लोग जानना चाहते हैं कि क्या कोई नुकसान हुआ? क्या कोई राफेल विमान गिरा? क्या हमने पाकिस्तान को वाकई बड़ा नुकसान पहुँचाया या सिर्फ जश्न मनाया जा रहा है?

वडेट्टीवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बेहद चौंकाने वाला दावा भी किया। उन्होंने कहा,चर्चाएं हैं कि पाकिस्तान ने 5,000 चीन निर्मित सस्ते ड्रोन लॉन्च किए, जिनकी कीमत महज 15,000 रुपये थी। लेकिन इन्हें मार गिराने के लिए हमने 15 लाख रुपये की मिसाइलें दागीं! ये चीन की एक रणनीति हो सकती है।कम खर्च में हमें ज़्यादा आर्थिक नुकसान पहुँचाने की।

उन्होंने कहा कि उनके पास इस दावे की पुष्टि नहीं है, लेकिन ऐसी बातें देशभर में हो रही हैं और सरकार को इस पर सफाई देनी चाहिए।


राफेल विमानों को लेकर भी उठे सवाल।कांग्रेस विधायक ने कहा,

ऐसी भी चर्चाएं हैं कि हमारे 3-4 राफेल जेट को निशाना बनाया गया। अगर ऐसा नहीं हुआ तो सरकार को सामने आकर यह साफ करना चाहिए। क्योंकि युद्ध के बाद पहली बार देश में ‘विजय रैली’ निकाली जा रही है, और लोगों के मन में संदेह है।”

आपको याद दिला दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। इस दिल दहला देने वाले हमले के बाद, 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। इस सैन्य कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया।

वडेट्टीवार के बयान के बाद सत्ताधारी दल बीजेपी और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। कई नेताओं ने इसे सेना का अपमान करार दिया है और कहा है कि ऐसे वक्त में विपक्ष को सियासत नहीं, एकजुटता दिखानी चाहिए।


सवाल ये है क्या विपक्ष के उठाए सवाल राष्ट्रहित में हैं, या सिर्फ राजनीति के हथियार बन चुके हैं? और क्या सरकार को ऑपरेशन सिंदूर की पारदर्शिता के लिए सार्वजनिक रूप से तथ्यों को सामने रखना चाहिए?

देश एक तरफ शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है, दूसरी ओर सियासत इस मुद्दे पर गरमाई हुई है। ऑपरेशन सिंदूर अब सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र बन चुका है।

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