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लखीमपुर खीरी में तेंदुए से भिड़ने वाले मिहीलाल गौतम को अखिलेश यादव ने किया सम्मानित

Editor : Shubham awasthi | 05 July, 2025

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर अपनी संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय देते हुए लखीमपुर खीरी के एक साधारण किसान, मिहीलाल गौतम, को उनकी असाधारण बहादुरी के लिए सम्मानित किया।

लखीमपुर खीरी में तेंदुए से भिड़ने वाले मिहीलाल गौतम को अखिलेश यादव ने किया सम्मानित

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मिहीलाल ने पिछले महीने एक तेंदुए के हमले का डटकर मुकाबला किया और न केवल अपनी जान बचाई, बल्कि आसपास के लोगों को भी संभावित खतरे से सुरक्षित किया। इस साहसिक कार्य के लिए अखिलेश यादव ने मिहीलाल को लखनऊ स्थित सपा कार्यालय में बुलाकर दो लाख रुपये का चेक प्रदान किया और उनकी हिम्मत की सराहना की। इस अवसर पर अखिलेश ने कहा, “अगर कहीं चूक हो जाती तो शायद वह आज हमारे आपके बीच में ना होता। वही व्यक्ति जानता होगा जिसने इतना बड़ा रिस्क लेकर के मुकाबला किया।” उन्होंने सरकार से भी मिहीलाल को बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित करने की मांग की

लखीमपुर खीरी के एक छोटे से गाँव में रहने वाले मिहीलाल गौतम एक साधारण किसान हैं, जो अपने परिवार का भरण-पोषण खेती और मेहनत-मजदूरी से करते हैं। पिछले महीने, एक सामान्य दिन की तरह मिहीलाल अपने खेतों में काम कर रहे थे, तभी अचानक एक तेंदुआ उन पर हमला बोल देता है। यह घटना इतनी अप्रत्याशित थी कि आसपास के लोग भी स्तब्ध रह गए। लेकिन मिहीलाल ने हार नहीं मानी। उन्होंने निहत्थे ही तेंदुए से मुकाबला करने का फैसला किया। लगभग 20 मिनट तक चले इस संघर्ष में मिहीलाल ने तेंदुए की गर्दन दबोच ली और अपनी पूरी ताकत झोंक दी। यह एक ऐसा दृश्य था, जो किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था। तेंदुए की ताकत और आक्रामकता के बावजूद मिहीलाल ने हिम्मत नहीं खोई और अंततः तेंदुए को परास्त कर दिया। इस दौरान मिहीलाल को कई चोटें आईं, लेकिन उनकी बहादुरी ने न केवल उनकी जान बचाई, बल्कि आसपास के लोगों को भी एक बड़े खतरे से सुरक्षित किया। इस घटना की खबर पूरे इलाके में फैल गई और मिहीलाल स्थानीय लोगों के लिए नायक बन गए।



सम्मान समारोह के दौरान मिहीलाल गौतम भावुक नजर आए। उन्होंने अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी का आभार जताते हुए कहा, “मैंने तो बस अपनी और अपने गांव वालों की जान बचाने के लिए यह कदम उठाया था। मुझे नहीं पता था कि मेरी इस छोटी सी कोशिश को इतना सम्मान मिलेगा। अखिलेश जी ने मुझे बुलाकर सम्मानित किया, यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है।” मिहीलाल ने यह भी बताया कि तेंदुए से मुकाबले के दौरान उन्हें कई बार लगा कि शायद वे बच नहीं पाएंगे, लेकिन उनके दिमाग में बस एक ही बात थी कि अगर वे हार गए, तो तेंदुआ उनके गांव में और लोगों पर हमला कर सकता है। उनकी यह सोच और साहस ही उन्हें इस खतरनाक स्थिति से बाहर निकाल लाया।