तेज प्रताप यादव ने तोड़ी चुप्पी ,कहा हर साजिश को बेनकाब करूंगा
Editor : Shubham awasthi | 01 June, 2025
लालू प्रसाद यादव, जो बिहार की राजनीति में सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों के उत्थान के प्रतीक माने जाते हैं, ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को पार्टी से निष्कासित करने का जो निर्णय लिया, वह न केवल राजनीतिक, बल्कि भावनात्मक रूप से भी महत्वपूर्ण है।

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बिहार की राजनीति में रविवार, 1 जून 2025, को एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला जब राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित करने का ऐलान किया। इस फैसले ने न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी, बल्कि लालू परिवार के आंतरिक समीकरणों पर भी सवाल खड़े कर दिए। लालू यादव ने अपने बेटे के गैर-जिम्मेदाराना आचरण और पारिवारिक मूल्यों के उल्लंघन का हवाला देते हुए न केवल पार्टी से निष्कासन का फैसला लिया, बल्कि उनके साथ व्यक्तिगत संबंध भी तोड़ने की बात कही। इस घटनाक्रम के बाद तेज प्रताप यादव ने पहली
बार अपनी चुप्पी तोड़ी और इसे एक साजिश करार देते हुए जल्द ही इसे बेनकाब करने का दावा किया
लालू प्रसाद यादव, जो बिहार की राजनीति में सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों के उत्थान के प्रतीक माने जाते हैं, ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को पार्टी से निष्कासित करने का जो निर्णय लिया, वह न केवल राजनीतिक, बल्कि भावनात्मक रूप से भी महत्वपूर्ण है। लालू ने अपने बयान में कहा कि तेज प्रताप का व्यवहार और उनकी गतिविधियाँ न तो पार्टी के सिद्धांतों के अनुरूप थीं और न ही पारिवारिक मूल्यों के। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि तेज प्रताप की हरकतें सामाजिक न्याय के लिए उनके संघर्ष को कमजोर कर रही थीं।
लालू के इस फैसले ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या यह फैसला केवल तेज प्रताप के व्यक्तिगत व्यवहार के कारण लिया गया, या इसके पीछे कोई गहरी राजनीतिक रणनीति है? क्या यह लालू परिवार में बढ़ते आंतरिक मतभेदों का परिणाम है, या फिर पार्टी के भीतर किसी बड़े बदलाव की शुरुआत? इन सवालों का जवाब तलाशने से पहले हमें तेज प्रताप के उस बयान पर नजर डालनी होगी, जिसमें उन्होंने इस निष्कासन को एक साजिश करार दिया।
पार्टी और परिवार से निष्कासित होने के बाद तेज प्रताप ने रविवार को पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने एक भावुक पोस्ट में अपने पिता लालू यादव और माँ राबड़ी देवी को भगवान की संज्ञा दी और कहा कि वह हमेशा उनके साथ रहेंगे, भले ही उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया हो। तेज प्रताप ने अपने बयान में यह भी कहा कि कुछ "जयचंद जैसे लालची लोग" उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं और वह जल्द ही इस साजिश को बेनकाब करेंगे।
तेज प्रताप का यह बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यह उनके और उनके परिवार, विशेष रूप से उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव, के बीच तनाव की ओर इशारा करता है। कुछ एक्स पोस्ट में यह दावा किया गया है कि तेज प्रताप के निष्कासन के पीछे तेजस्वी की भूमिका हो सकती है। एक पोस्ट में यह भी कहा गया कि तेजस्वी ने लालू को भड़काकर पहले पार्टी की कमान अपने हाथों में ली और फिर तेज प्रताप के परिवार में विवाद करवाया। हालाँकि, ये दावे पूरी तरह से सत्यापित नहीं हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि तेज प्रताप अपने निष्कासन को एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा मानते हैं।
तेज प्रताप ने अपने बयान में यह भी उल्लेख किया कि उनके पिता के बिना न तो आरजेडी होती और न ही उनके साथ राजनीति करने वाले लोग। यह बयान उनके पिता के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है, लेकिन साथ ही यह भी संकेत देता है कि वह अपने निष्कासन को अन्य नेताओं या पार्टी के भीतर की गुटबाजी से जोड़कर देख रहे हैं।
लालू प्रसाद यादव का परिवार बिहार की राजनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, और तेज प्रताप यादव, सभी ने अलग-अलग समय पर पार्टी और सरकार में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं। हालाँकि, परिवार के भीतर मतभेद की खबरें पहले भी सामने आती रही हैं। विशेष रूप से तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच नेतृत्व को लेकर तनाव की बातें अक्सर चर्चा में रही हैं।
तेज प्रताप, जो अपने अनोखे अंदाज और बयानों के लिए जाने जाते हैं, ने हमेशा से ही अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश की है। वह न केवल एक राजनेता हैं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहे हैं। उनकी 'धर्मनिरपेक्ष युवा मंच' जैसी पहलें और उनके बयानों ने अक्सर सुर्खियाँ बटोरी हैं। लेकिन उनके कुछ फैसले और बयान, जैसे कि कथित तौर पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान पर हमले की बात करना, पार्टी के लिए विवाद का कारण बने। कुछ एक्स पोस्ट में दावा किया गया कि इस बयान के कारण आरजेडी के मुस्लिम समर्थकों में नाराजगी फैली, जिसके चलते तेज प्रताप को पार्टी से निकाला गया। हालाँकि, इस दावे की सत्यता की पुष्टि नहीं हुई है।
दूसरी ओर, तेजस्वी यादव ने पिछले कुछ वर्षों में आरजेडी को एक नई दिशा देने की कोशिश की है। 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी को एक मजबूत विपक्ष के रूप में स्थापित किया। लेकिन तेज प्रताप के साथ उनके रिश्तों में खटास की खबरें बार-बार सामने आई हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी के बढ़ते प्रभाव ने तेज प्रताप को हाशिए पर धकेल दिया, जिसके चलते यह तनाव बढ़ा।
निष्कासन के पीछे के संभावित कारण
तेज प्रताप के निष्कासन के को कई दृष्टिकोणों से देखा जा सकता है। पहला, यह लालू प्रसाद यादव का एक रणनीतिक कदम हो सकता है, जिसका उद्देश्य पार्टी को एकजुट रखना और तेजस्वी को नेतृत्व के लिए तैयार करना है। दूसरा, यह परिवार के भीतर बढ़ते मतभेदों का परिणाम हो सकता है, जहाँ तेज प्रताप का व्यवहार और उनके बयान पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर रहे थे। तीसरा, यह भी संभव है कि कुछ बाहरी ताकतें या पार्टी के भीतर के गुट इस निष्कासन के पीछे हों, जैसा कि तेज प्रताप ने अपनी साजिश की बात में इशारा किया है।
लालू ने अपने बयान में तेज प्रताप के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और नैतिक मूल्यों की अवहेलना को निष्कासन का कारण बताया। लेकिन यहाँ सवाल यह उठता है कि क्या यह केवल व्यक्तिगत व्यवहार की बात है, या इसके पीछे कोई बड़ा राजनीतिक खेल है? बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और आरजेडी के लिए यह समय महत्वपूर्ण है। ऐसे में तेज प्रताप जैसे चर्चित चेहरे का निष्कासन पार्टी की रणनीति को प्रभावित कर सकता है।
तेज प्रताप का भविष्य: क्या होगा अगला कदम?
तेज प्रताप ने अपने बयान में साफ कर दिया है कि वह इस निष्कासन को चुपचाप स्वीकार नहीं करेंगे। उनके 'साजिश को बेनकाब' करने के दावे से यह स्पष्ट है कि वह इस मामले को और आगे ले जाएँगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस साजिश के तौर पर किन लोगों या घटनाओं को सामने लाते हैं। क्या वह अपने भाई तेजस्वी को निशाना बनाएँगे, या फिर पार्टी के किसी अन्य नेता को? या फिर वह अपने पिता के फैसले के खिलाफ खुलकर बोलेंगे?
तेज प्रताप की राजनीतिक छवि हमेशा से ही विवादास्पद रही है। उनके बयान और व्यवहार अक्सर उनकी गंभीरता पर सवाल उठाते हैं, लेकिन साथ ही उनकी लोकप्रियता, खासकर युवाओं और कुछ खास समुदायों में, को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यदि वह अपनी बात को सही ढंग से जनता तक ले जाते हैं, तो यह आरजेडी के लिए एक नई चुनौती बन सकता है।