यूपी में झूम झूम के बरसे सावन ,कई साल बाद समय से आया मानसून
Editor : Shubham awasthi | 13 July, 2025
उत्तर प्रदेश में मानसून की सक्रियता इस साल असाधारण रही है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मानसून के सक्रिय होने के कारण राज्य के कई हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश दर्ज की गई है। लखनऊ, झांसी, ललितपुर, जालौन, चित्रकूट, बांदा, और वाराणसी जैसे जिलों में बारिश ने तबाही मचाई है। चित्रकूट में पिछले 24 घंटों में 141.5 मिमी बारिश दर्ज की गई

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राज्य की प्रमुख नदियां, जैसे गंगा, सरयू, और सहरसा, खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर 62.58 मीटर तक पहुंच गया है, जिसके कारण मणिकर्णिका घाट जैसे महत्वपूर्ण स्थल पूरी तरह पानी में डूब गए हैं। अंतिम संस्कार जैसे धार्मिक कार्य अब छतों पर किए जा रहे हैं। अयोध्या में सरयू नदी चेतावनी स्तर से 23 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, जिससे आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा ललितपुर में माताटीला और गोविंद सागर बांध के गेट खोल दिए गए हैं, क्योंकि जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। झांसी में पथराई और लहचूरा बांधों के गेट भी खोले गए हैं, जिसके कारण निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण कई गांव प्रभावित हुए हैं, और किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं।
लखनऊ, वाराणसी, और झांसी जैसे प्रमुख शहरों में जलभराव की स्थिति ने जनजीवन को ठप कर दिया है। सड़कों पर नाले बह रहे हैं, और कई जगहों पर सड़कें पूरी तरह से धंस गई हैं। गनेशगढ़ गांव के पास एक सड़क का 20 फीट चौड़ा और 15 फीट गहरा हिस्सा बह गया, जिसके कारण गांव का संपर्क कट गया। ललितपुर में लगातार 36 घंटे की मूसलाधार बारिश ने सभी बांधों का जलस्तर बढ़ा दिया, और कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया
मौसम विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बिजली गिरने और तेज हवाओं की संभावना है। किसानों को खेतों में काम करने से पहले मौसम की स्थिति का आकलन करने की सलाह दी गई है। अगले तीन दिनों तक मौसम का यही रुख बना रहने की संभावना है, जिसके कारण जलभराव और बाढ़ जैसी समस्याएं और गंभीर हो सकती हैं।