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बी सुदर्शन रेड्डी का उत्तर प्रदेश आगमन,अखिलेश ने कर दिया वादा!

Editor : Shubham awasthi | 26 August, 2025

भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में उपराष्ट्रपति का पद हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। यह पद न केवल संवैधानिक दायित्वों को वहन करता है, बल्कि देश की राजनीतिक और सामाजिक दिशा को भी प्रभावित करता है।

बी सुदर्शन रेड्डी का उत्तर प्रदेश आगमन,अखिलेश ने कर दिया वादा!

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हाल ही में, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद इस पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई। इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और इंडिया गठबंधन ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

बी. सुदर्शन रेड्डी लगभग 11:30 बजे लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय पहुंचे। जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। कार्यालय में सबसे पहले उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के चित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस सेवादल के सदस्यों ने उनके स्वागत के लिए एक खूबसूरत रंगोली बनाई थी, जिसकी प्रशंसा करते हुए रेड्डी ने कहा कि यह हमारे देश की कला और संस्कृति का शानदार प्रदर्शन है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने उन्हें यह रंगोली दिखाई। इसके बाद उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया। उसके बाद में बी. सुदर्शन रेड्डी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के ऑफिस में प्रदेश के सांसदों और विधायकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने बैठक में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी के सांसदों का समर्थन मांगा। उन्होंने सभी से एकजुट होकर चुनाव में अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया। इस बैठक के दौरान वरिष्ठ नेता और सांसद, विधायक मौजूद रहे।


इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में बी. सुदर्शन रेड्डी ने मंगलवार को लखनऊ पहुंचकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस चुनाव के महत्व और इंडिया गठबंधन के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला

इस चुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। जहां एनडीए ने सी.पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं इंडिया गठबंधन ने पूर्व न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी को इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए चुना है।चुनाव प्रक्रिया में नामांकन की अंतिम तिथि 21 अगस्त 2025 थी। इस तारीख तक कुल 46 उम्मीदवारों ने 68 नामांकन पत्र दाखिल किए थे। हालांकि, इनमें से केवल दो नामांकन ही वैध पाए गए। नामांकन प्रक्रिया के दौरान कई अनियमितताएं सामने आईं, जिनमें फर्जी दस्तखत का मामला भी शामिल है। 19 उम्मीदवारों के 28 नामांकन पत्र शुरूआती जांच में ही खारिज कर दिए गए, जबकि शेष 27 उम्मीदवारों के 40 नामांकनों की गहन छानबीन 22 अगस्त को की गई। इस प्रक्रिया में केवल सी.पी. राधाकृष्णन और बी. सुदर्शन रेड्डी के नामांकन ही वैध पाए गए

इंडिया गठबंधन ने इस बार उपराष्ट्रपति पद के लिए पूर्व न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार चुना है। बी. सुदर्शन रेड्डी का नाम भारतीय न्यायिक और सामाजिक क्षेत्र में एक सम्मानित स्थान रखता है। उनकी पृष्ठभूमि और अनुभव उन्हें इस पद के लिए एक मजबूत दावेदार बनाते हैं। मंगलवार को लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी उपस्थिति और अखिलेश यादव के साथ उनकी बातचीत ने इंडिया गठबंधन की रणनीति और दृष्टिकोण को स्पष्ट किया


अखिलेश यादव ने बी. सुदर्शन रेड्डी का गर्मजोशी से स्वागत किया। अपने संबोधन में अखिलेश ने कहा, "मैं सबसे पहले न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी जी का स्वागत और आभार करता हूं। इनके जीवन परिचय के बारे में हम सब लोग जानते हैं और जिस परिस्थिति में यह चुनाव हो रहा है, उसमें न्यायमूर्ति से बेहतर विकल्प क्या हो सकता है।" अखिलेश ने इस बात पर जोर दिया कि यह चुनाव केवल सत्ता की लड़ाई नहीं, बल्कि सिद्धांतों की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन इस चुनाव को न्याय और समानता के सिद्धांतों के आधार पर लड़ रहा है।अखिलेश ने यह भी कहा कि यह चुनाव हार-जीत से परे है। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि वे अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें और इंडिया गठबंधन के पक्ष में मतदान करें। उन्होंने विश्वास जताया कि यदि मतदाता अपनी अंतरात्मा के आधार पर वोट करेंगे, तो बी. सुदर्शन रेड्डी ऐतिहासिक मतों से विजयी होंगे। अखिलेश का यह बयान न केवल इंडिया गठबंधन की एकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि यह गठबंधन इस चुनाव को एक बड़े नैतिक और सैद्धांतिक मंच के रूप में देख रहा है।


इस बार का उपराष्ट्रपति चुनाव कई मायनों में विशेष है। यह चुनाव ऐसे समय में हो रहा है, जब देश में राजनीतिक ध्रुवीकरण अपने चरम पर है। एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच यह मुकाबला न केवल दो उम्मीदवारों के बीच है, बल्कि यह दो अलग-अलग विचारधाराओं और दृष्टिकोणों का टकराव भी है। जहां एनडीए अपनी नीतियों और उपलब्धियों के आधार पर इस चुनाव में उतर रहा है, वहीं इंडिया गठबंधन ने इसे न्याय और सिद्धांतों की लड़ाई के रूप में प्रस्तुत किया है।