तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव विवाद: बिहार की सियासत में नया भूचाल
Editor : Shubham awasthi | 28 May, 2025
बिहार की राजनीति हमेशा से अपने नाटकीय और विवादास्पद घटनाक्रमों के लिए जानी जाती रही है। इस बार सुर्खियों में हैं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव।

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तेज प्रताप की अनुष्का यादव के साथ कथित रिश्ते की तस्वीरें और सोशल मीडिया पोस्ट ने न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में हलचल मचा दी है। इस घटनाक्रम ने न सिर्फ लालू परिवार को बल्कि RJD की राजनीतिक जमीन को भी हिलाकर रख दिया है।
विवाद की शुरुआत: तेज प्रताप की वायरल पोस्ट
25 मई 2025 को तेज प्रताप यादव के फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट सामने आई, जिसमें उन्होंने दावा किया कि वह अनुष्का यादव नाम की एक युवती के साथ पिछले 12 साल से रिलेशनशिप में हैं। इस पोस्ट के साथ कुछ तस्वीरें भी शेयर की गईं, जिनमें तेज प्रताप और अनुष्का यादव करीबी नजर आ रहे थे। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गई और कुछ ही घंटों में बिहार की सियासत में भूचाल आ गया।
तेज प्रताप पहले से ही अपनी निजी जिंदगी और विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं। उनकी शादी ऐश्वर्या राय से हुई थी, जो बिहार के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। हालांकि, उनकी शादीशुदा जिंदगी पहले से ही विवादों में रही है, और 2018 में उन्होंने तलाक की अर्जी दाखिल की थी, जिसके बाद दोनों के बीच लंबी कानूनी लड़ाई चली। इस नए विवाद ने तेज प्रताप की निजी जिंदगी को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया।
लालू प्रसाद यादव का कड़ा फैसला
26 मई 2025 को लालू प्रसाद यादव ने एक बड़ा और चौंकाने वाला कदम उठाया। उन्होंने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को न केवल RJD से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया, बल्कि परिवार से भी बेदखल करने की घोषणा की। लालू ने इसे तेज प्रताप के "गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और पारिवारिक मूल्यों के उल्लंघन" का परिणाम बताया। इस फैसले ने न केवल RJD कार्यकर्ताओं बल्कि बिहार की जनता को भी हैरान कर दिया।
लालू प्रसाद यादव ने अपने बयान में कहा, "तेज प्रताप अपने निजी जीवन का भला-बुरा देखने में स्वयं सक्षम हैं। पार्टी और परिवार में उनकी अब कोई भूमिका नहीं होगी। जो लोग उनसे संबंध रखेंगे, वे अपने विवेक से निर्णय लें।" यह बयान न केवल तेज प्रताप के लिए बल्कि उनके समर्थकों के लिए भी एक बड़ा झटका था।
इस विवाद में अनुष्का यादव का नाम भी बार-बार सामने आ रहा है। अनुष्का के भाई आकाश यादव ने पटना में एक बयान जारी कर कहा कि तेज प्रताप के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। आकाश ने यह भी दावा किया कि उनकी बहन और तेज प्रताप के बीच का रिश्ता पुराना है, लेकिन इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। हालांकि, आकाश के इस बयान ने विवाद को और हवा दे दी।
लालू के साले सुभाष यादव ने तेज प्रताप का समर्थन करते हुए कहा कि लालू ने जल्दबाजी में यह फैसला लिया और तस्वीरें फर्जी होने के बावजूद तेज प्रताप के साथ अन्याय हुआ है। सुभाष ने लालू से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
वहीं, साधु यादव ने तेज प्रताप पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि तेज प्रताप के मुसल्लहपुर हाट और खगौल की दो महिलाओं से अवैध संबंध हैं। साधु के इस बयान ने विवाद को और जटिल बना दिया है, क्योंकि यह लालू परिवार के भीतर की आपसी कलह को उजागर करता है
सियासी हलचल और RJD पर प्रभाव
यह विवाद बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले सामने आया है, जिसके कारण RJD की स्थिति कमजोर हो सकती है। विपक्षी दल, जैसे जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी (BJP), इस मामले को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि लालू का तेज प्रताप को निष्कासित करने का फैसला "डैमेज कंट्रोल" की रणनीति हो सकता है, ताकि पार्टी की छवि को और नुकसान न हो।
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स का मानना है कि तेजस्वी यादव ने इस मामले में तेज प्रताप को हाशिए पर धकेलकर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की है। हालांकि, यह केवल अटकलें हैं और इसकी कोई ठोस पुष्टि नहीं है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया जा रहा है कि तेज प्रताप अब अपनी नई राजनीतिक राह तलाश रहे हैं। जन्सत्ता की एक रिपोर्ट के अनुसार, तेज प्रताप नई पार्टी बनाने की योजना बना सकते हैं, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। पहले भी तेज प्रताप ने सितंबर 2021 में छात्र जनशक्ति परिषद नामक संगठन बनाया था, जिसके जरिए उन्होंने RJD से अलग अपनी पहचान बनाने की कोशिश की थी
तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव का विवाद बिहार की सियासत में एक तूफान की तरह उभरा है। तेज प्रताप की चुप्पी, लालू परिवार में बढ़ती दरार, और RJD की छवि पर पड़ता असर इस मामले को और जटिल बना रहा है। सुभाष यादव और आकाश यादव जैसे लोगों का समर्थन तेज प्रताप के लिए कुछ राहत की बात हो सकती है, लेकिन साधु यादव और ऐश्वर्या राय के बयान उनके खिलाफ माहौल को और गरमा रहे हैं।
आने वाले दिन इस मामले में निर्णायक साबित होंगे। क्या तेज प्रताप इस विवाद से उबरकर अपनी राजनीतिक पहचान फिर से बना पाएंगे? क्या लालू परिवार इस संकट को एकजुट होकर हल कर पाएगा? और सबसे महत्वपूर्ण, क्या यह विवाद RJD की चुनावी संभावनाओं को प्रभावित करेगा? इन सवालों के जवाब समय के साथ सामने आएंगे, लेकिन यह तय है कि यह विवाद बिहार की सियासत में लंबे समय तक गूंजता रहेगा।