मथुरा में महिला PCS अधिकारी 70 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, ड्राइवर भी अरेस्ट
Editor : Manager User | 06 February, 2025
फरह ब्लाक के झुडावई ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के भुगतान को लेकर डीपीआरओ किरन चौधरी ने यह घूस मांगा था। इस मामले में पीड़ित प्रताप सिंह राना ने लखनऊ विजिलेंस में शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद विजिलेंस टीम तुरंत सक्रिय हुई। तीन टीमें गठित की गईं और गोपनीय जांच शुरू कर दी गई। जांच में आरोपों की पुष्टि हुई। इसके बाद मंगलवार को टीम ने जिला पंचायतर

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महज 70 हजार रुपये की लालच में फंस गई यूपी की एक पीसीएस अधिकारी और धो बैठी नौकरी से हाथ। 70 हजार रुपये घूस लेते हुए मथुरा की जिला पंचायतराज अधिकारी यानी डीपीआरओ किरन चौधरी को विजिलेंस टीम ने उनके आवास से रंगे-हाथों गिरफ्तार कर लिया। क्या है पूरा मामला? किससे मांगी जा रही थी घूस? कैसे हुई गिरफ्तारी? बताएंगे पूरी कहानी विस्तार से।
फरह ब्लाक के झुडावई ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के भुगतान को लेकर डीपीआरओ किरन चौधरी ने यह घूस मांगा था। इस मामले में पीड़ित प्रताप सिंह राना ने लखनऊ विजिलेंस में शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद विजिलेंस टीम तुरंत सक्रिय हुई। तीन टीमें गठित की गईं और गोपनीय जांच शुरू कर दी गई। जांच में आरोपों की पुष्टि हुई। इसके बाद मंगलवार को टीम ने जिला पंचायतराज अधिकारी किरन चौधरी और उनके चालक बिजेंद्र सिंह को रंगे हाथ उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया।
किरन को रंगे हाथों घूस लेते गिरफ्तार करने के लिए लखनऊ विजिलेंस टीम मुस्तैद थी। मंगलवार सुबह करीब दस बजे लखनऊ विजिलेंस की टीम मथुरा में इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में रहने वाली जिला पंचायतराज अधिकारी किरन चौधरी के आवास पर पहुंची। बताया जाता है कि वहां विजिलेंस टीम के साथ शिकायतकर्ता फरह ब्लाक के गांव झुड़ावई के प्रधान पप्पू भी थे।
पहले से ही यह तय कर लिया गया था कि प्रधान डीपीआरओ को घूस देंगे और तब रंगे हाथों उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। इसके बाद प्रधान आवास के अंदर गए। वहां डीपीआरओ के चालक बिजेंद्र को 70 हजार रुपये की रकम दी। इसके बाद चालक ने वह रुपये ले जाकर डीपीआरओ को दिए।
पैसा पाते ही डीपीआरओ ने प्रधान को घर के अंदर बुलाया। यहीं पर विजिलेंस की टीम को मौका मिल गया। प्रधान के साथ पूरी विजिलेंस टीम भी अचानक अंदर पहुंच गई। डीपीआरओ जब तक कुछ समझ पातीं सामने 70 हजार रुपये पड़े थे और टीम ने मौके से ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
घूस के साथ रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद किरन चौधरी के होश उड़ गए। इसके बाद विजिलेंस टीम ने उन्हें सामने बिठा लिया और काफी देर तक उसी कमरे में उनसे पूछताछ शुरू हो गई। कुछ देर बाद उनको लेकर एक टीम लौट गई। विजिलेंस की एक टीम राजीव भवन पहुंची। यहां उन्होंने झुड़ावई ग्राम पंचायत में चल रहे विकास कार्यों की पत्रावलियां देखीं। काफी देर तक जांच के बाद टीम अपने साथ पत्रावलियां ले गईं।
इसके तुरंत बाद आगरा की टीम ने उनका मेडिकल कराया। विजिलेंस थाना आगरा सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया गया। डीपीआरओ और उनके चालक को मेरठ एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
बताया जा रहा है कि इस मामले में विजिलेंस की टीम मथुरा जाएगी। जिला पंचायतराज अधिकारी के कार्यालय से फाइल अब जुटाई जाएगी। इस मामले में उनके खिलाफ सभी साक्ष्य जुटाए जाएंगे ताकि केस कमजोर न पड़ने पाए।
भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ जिस तरह से एंटी करप्शन आर्गनाइजेशन यानी भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है, वो बेहद ही सकारात्मक संकेत है। सिस्टम में बैठे हुए भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस की इन छापेमारियों से हड़कंप मचा हुआ है। रिश्वतखोर अधिकारियों पर इस तरह के ऐक्शन के जरिए भ्रष्ट सिस्टम पर लगाम लगा सकते हैं। क्या आपको भी ऐसा लगता है, कमेंट करिए।