ग्रीन-कार्ड और ट्रिप-कार्ड आपकी यात्रा का सुरक्षा कवच,लगेगा 25,000 का सीधा जुर्माना।
Editor : Anjali Mishra | 22 May, 2025
श्रद्धालुओं की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं,कानून तोड़ा तो नहीं बचेगा कोई परिवहन विभाग सख्त मोड में।

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चारधाम यात्रा के दौरान नियम तोड़ने वालों पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है। उत्तराखंड परिवहन विभाग ने बिना पंजीयन और फिटनेस के यात्रियों को ले जा रही नई गाड़ियों पर सख्ती शुरू कर दी है। अब ऐसे वाहनों पर सीधे 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। टैक्स चोरी और यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ को देखते हुए चेकिंग अभियान तेज कर दिया गया है।
चारधाम यात्रा में नई गाड़ियों की मनमानी पर एक्शन! बिना पंजीयन दौड़ रहीं गाड़ियां अब भरना पड़ेगा 25 हजार जुर्माना।चारधाम यात्रा के नाम पर अब टैक्स चोरी और यात्रियों की जान से खिलवाड़ नहीं चलेगा! उत्तराखंड परिवहन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है।अब बिना पंजीयन और फिटनेस के यात्रा पर भेजी जा रही नई गाड़ियों पर सीधा 25,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। दरअसल, विभाग को शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ ट्रैवल कारोबारी नई-नई गाड़ियां चारधाम यात्रा पर भेज रहे हैं, जिनका न तो परिवहन विभाग में पंजीयन हुआ है, न ही फिटनेस चेक, और न ही ग्रीन-कार्ड या ट्रिप-कार्ड जारी हुए हैं। इतना ही नहीं, कुछ गाड़ियों पर तो नंबर प्लेट तक नहीं लगी हुई थी! ऐसे वाहनों को देख विभाग सख्त हो गया है।
क्या है ग्रीन-कार्ड और ट्रिप-कार्ड?
चारधाम यात्रा पर जाने वाले सभी व्यावसायिक वाहनों के लिए ग्रीन-कार्ड और ट्रिप-कार्ड अनिवार्य है।
ग्रीन-कार्ड: वाहन की फिटनेस और दस्तावेजों की पूरी जांच के बाद जारी होता है।
ट्रिप-कार्ड: इसमें चालक और यात्रियों की पूरी जानकारी होती है।नाम, पता, गंतव्य धाम, मोबाइल नंबर तक।
ये कार्ड सिर्फ कागज नहीं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा की गारंटी हैं। इन गाड़ियों की यात्रा के दौरान हर चेकपोस्ट पर जांच होती है।जानकारों के मुताबिक, ये पूरी कवायद टैक्स बचाने के लिए हो रही थी। उत्तराखंड की गाड़ियों के लिए ग्रीन-कार्ड पूरे यात्रा सीजन के लिए बनता है, जबकि बाहरी राज्यों की गाड़ियों के लिए सिर्फ 15 दिन का। ग्रीन-कार्ड बनवाने में शुल्क देना पड़ता है, जिससे बचने के लिए कारोबारी नई गाड़ियां यात्रा पर भेज रहे थे।विभाग ने कमर कसते हुए
परिवहन विभाग ने साफ कह दिया है बिना पंजीयन और नियम विहीन गाड़ियों को सीज किया जाएगा। नियम तोड़ने वालों पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगेगा चेकिंग अभियान तेज किया गया है। निजी गाड़ियों के व्यावसायिक इस्तेमाल पर सीधा एक्शन होगा।संदीप सैनी, नोडल अधिकारी और आरटीओ (प्रशासन), देहरादून ने कहा ऐसी शिकायतें मिली हैं कि कुछ गाड़ियां नियमों को ताक पर रखकर यात्रा पर भेजी जा रही हैं। हमने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। यात्रियों से अपील करते हुए कहा कि यदि आप चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि जिस गाड़ी में आप सफर कर रहे हैं, उसका ग्रीन-कार्ड और ट्रिप-कार्ड अवश्य हो। सावधानी ही सुरक्षा है।चारधाम यात्रा में श्रद्धा हो, लेकिन साथ ही सुरक्षा भी जरूरी है।
यात्रियों की जान से खिलवाड़ नहीं।चारधाम यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और जोखिमभरा ट्रैक है, जहां हर मोड़ पर सुरक्षा न होने का मतलब जीवन और मृत्यु के बीच का फर्क हो सकता है। बिना फिटनेस और बिना रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियों का इस्तेमाल करना केवल कानून तोड़ना नहीं, बल्कि सैकड़ों यात्रियों की जान को अनजाने खतरे में डालना है। हर साल हजारों वाहन ऊंचे पहाड़ी रास्तों से गुजरते हैं, ऐसे में किसी भी तकनीकी खराबी या हादसे की स्थिति में समय पर मदद पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
नई गाड़ियां जिनका पंजीकरण भी नहीं हुआ है, उनके ब्रेक, टायर, इंजन की परीक्षण रिपोर्ट नहीं होती, जिससे पहाड़ी रास्तों पर दुर्घटना की आशंका और बढ़ जाती है। बिना ग्रीन-कार्ड या फिटनेस के ये वाहन सीधे यात्रियों की जान जोखिम में डालते हैं। कई मामलों में ऐसी गाड़ियां रास्ते में खराब हो जाती हैं, जिससे न सिर्फ यात्रियों को परेशानी होती है, बल्कि पूरे ट्रैफिक जाम का कारण भी बनती हैं।
सीजन में दबाव का फायदा उठा रहे ट्रैवल एजेंट।चारधाम यात्रा का सीजन सीमित होता है, और इस दौरान हर कोई ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को लुभाने की कोशिश करता है। कुछ ट्रैवल एजेंट इस मौके का गलत फायदा उठाकर बिना अनुमति और दस्तावेजों वाली गाड़ियों को यात्रा पर भेज रहे हैं। ऐसे कारोबारी कानून और श्रद्धालुओं दोनों के साथ धोखा कर रहे हैं। यात्रा की पवित्रता और व्यवस्था दोनों ही इस तरह के गैरकानूनी कार्यों से खतरे में पड़ते हैं।जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं, यात्रियों की भी है।परिवहन विभाग भले ही सख्ती बरत रहा हो, लेकिन यात्रियों को भी जागरूक होने की जरूरत है। यात्रा पर निकलने से पहले यह जरूर जांच लें कि जिस वाहन में आप जा रहे हैं वह पंजीकृत, फिटनेस प्रमाणित, और ग्रीन-कार्ड धारक है या नहीं। अगर कोई ट्रैवल एजेंट आपको बिना कागजात वाली गाड़ी में बैठा रहा है तो इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से करें।चारधाम यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि पर्यटन और राज्य की प्रतिष्ठा के लिए भी महत्वपूर्ण है। अगर ऐसी लापरवाहियों पर लगाम नहीं लगाई गई तो भविष्य में यात्रियों का विश्वास कम हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि सरकार, व्यापारी, और यात्री तीनों मिलकर सुरक्षित, पारदर्शी और जिम्मेदार यात्रा प्रणाली सुनिश्चित करें।
चारधाम यात्रा आस्था, परंपरा और विश्वास की प्रतीक है। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता न तो स्वीकार्य है और न ही क्षम्य। परिवहन विभाग की सख्ती न केवल कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि उन हजारों श्रद्धालुओं की जान की हिफाजत के लिए भी है, जो हर साल इस पवित्र यात्रा पर निकलते हैं। हर श्रद्धालु की जिम्मेदारी है कि वह सुरक्षित वाहन में यात्रा करे और किसी भी अनियमितता की जानकारी तुरंत प्रशासन को दे। याद रखें श्रद्धा के साथ सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है।